मैं और मेरा वैलेंटाइन मैं और मेरा वैलेंटाइन
न जाने क्यों, उस दिन मौसम भी बड़ा प्यारा सा लग रहा था। दरवाज़े पर ही माया मिल गई। न जाने क्यों, उस दिन मौसम भी बड़ा प्यारा सा लग रहा था। दरवाज़े पर ही माया मिल गई।
गहरी दोस्ती देखकर वे सब मन ही मन मान चुके थे कि यह तो होना ही था। गहरी दोस्ती देखकर वे सब मन ही मन मान चुके थे कि यह तो होना ही था।
हम सभी लड़कियां दो समूह बना कर "विष- अमृत" खेलने लगीं। बहुत मजा आ रहा था। हम सभी लड़कियां दो समूह बना कर "विष- अमृत" खेलने लगीं। बहुत मजा आ रहा था।
बड़ी नाराज है शायरी मुझसे... बड़ी नाराज है शायरी मुझसे...
इससे इनके साथियों गांव और आसपास के क्षेत्र में खुशी का माहौल है। इससे इनके साथियों गांव और आसपास के क्षेत्र में खुशी का माहौल है।